आत्मनिर्भर भारत पर निबंध : आत्मनिर्भर के बारे में ये जरूरी बातें जानें।

आत्मनिर्भर भारत पर निबंध (Aatm Nirbhar Bharat Par Nibandh in Hindi) : आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए की थी।

आत्मनिर्भर भारत पर निबंध

आत्मनिर्भर भारत पर निबंध हिंदी में (250 words) :

इस अभियान के द्वारा भारत में लोगों को काम काज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और यह प्रयत्न किया जाएगा कि अगले कुछ सालों में भारत अपनी जरूरतों की अधिकतर वस्तुएं अपने देश में ही तैयार करें अर्ताथ आत्मनिर्भर बन जाए।

आत्मनिर्भर होना हर व्यक्ति समाज और राष्ट्र का स्वपन होता है। हमारी भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी कहा है। कि एक राष्ट्र की शक्ति उसकी आत्मनिर्भरता में है। दूसरों से उधार लेकर काम चलाने में नहीं।

आत्मनिर्भर राष्ट्र ही अपने राष्ट्र को सर्वोपरि बना सकता है। क्योंकि जो राष्ट्र आत्मनिर्भर होता है। अपने पैरों पर खड़ा खड़ा होता है। वही अपने आप में सबसे अच्छा होता है।

उदाहरण के तौर पर मैंने एक चीज लिखिए जिससे आपका जो ऐसे है। वह बहुत अच्छा लगेगा यदि बैसाखी के सहारे चलने वाले व्यक्ति की बैसाखी छीन ली जाए तो वह चलने में असमर्थ हो जाता है। ठीक उसी प्रकार यही स्थिति दूसरों पर निर्भर रहने वाले राष्ट्र की हो जाती है।

दोस्तों यदि हम किसी भी सामान के लिए दूसरे देश पर निर्भर रहते है और किसी कारणवश वह सामान हमारे यहां नहीं आ पाता तो हमारी स्थिति बहुत जर्जर हो जाती है। लेकिन अगर वही सामान हमारे राष्ट्र में डेवलप हो रहा है। तो हमें कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।

वर्तमान समय में यदि हम इतिहास के पृष्ठों को पलट कर देखें। तब जब तक भारत परतंत्र था, यह अपने विकास के लिए अंग्रेजों पर निर्भर था। लोग चाहकर भी अपना और देश का विकास नहीं कर सकते थे।

किंतु स्वतंत्रता के उपरांत भारत आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुआ और आज स्थिति यह है। कि यह विश्व में कोहिनूर की भांति चमकता आ रहा है। या चमकता है। आज देखिए भारत स्तर पर अपने जो संसाधन है। जो हमारे राष्ट्र में ही निर्मित है। तो उसमें कहीं हद तक अपनी पहचान बना चुका है।

आत्मनिर्भर भारत पर निबंध

आत्मनिर्भर भारत अभियान पर निबंध (500 words)

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने भारतीय उद्योग परिसंघ वार्षिक सत्र 2020 को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया है। कि हमें आप निर्भरता का जो फैसला है। वह लेना चाहिए भारत जो कि वासुदेव कुटुंबकम की संकल्पना में विश्वास करता है।

भारत अगर प्रगति करता है। तो वह दुनिया की प्रगति में भी अपना योगदान देता है। आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत भारत को उस बाज की तरह ऊंची उड़ान भरनी चाहिए जो कि सबसे ऊपर पहुंच कर भी हर जीव पर नजर रखता है।

प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान करते हुए 20 लाख करोड़ रूपए की विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री जो उन्होंने यह कार्यक्रम चलाया है। भारत अपने पैरों पर खड़ा हो सके। भारत की पहचान बन सके।

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हम अपने प्राचीन जो हमारे महापुरुष उनकी बात करते हैं, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था कि भारत स्वदेशी चीजों को अपनाएं तथा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएं। वर्तमान समय में फिर से आज मुझे उनका यह सपना पूरा होता नजर आ रहा है

आत्म निर्भरता का अर्थ यह नहीं है। कि हम चीन के सामान या अन्य किसी देश के समान का आयात बंद कर दें। ऐसा नहीं है कि हम उनका इंपोर्ट बंद कर दे। इसका मतलब है कि हमारा खुद का सामान इतना सस्ता और अच्छा होगी विदेश का माल को छोड़कर लोग स्वयं जो स्वदेशी माल है उसको खरीदें। क्योंकि कहा गया है कि जबरदस्ती कराया गया काम कुछ वर्ष लेकिन स्वेच्छा से किया गया काम उम्र भर चलता है।

चलिए आगे बढ़ते हैं अतः अंत में हम जिस राष्ट्र की मिट्टी में पले बढ़े हुए हैं जिस राष्ट्र का हमने खाया है, क्यों ना उस राष्ट्र का कर्ज हम स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर भारत को विकासशील नहीं बल्कि विकसित देशों में शामिल करैं।

तभी हम पूरी तरह से कह पाएंगे कि हां मैं भारत का निवासी हूं। जो कि आर्थिक सामाजिक राजनीतिक दृष्टिकोण से स्वतंत्र राष्ट्र है। तो तभी हमारा स्वतंत्र भारत का सपना पूरा हो सकेगा।

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