ग्राम प्रधान का कार्यकाल क्या है? ग्राम प्रधान का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। इसको कई राज्यों में सरपंच भी कहा जाता है।सभी राज्यों में जो पंचायती संस्थाएं हैं उनमें ग्राम सभा ग्राम पंचायत के इलेक्शन होते हैं। उसके अंतर्गत ग्राम प्रधान / सरपंच बनाया जाता है।
Gram Pradhan ka Karyakal Kya Hai
ग्राम प्रधान का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। 5 वर्ष या किसी विशेष कारण होने पर उससे पूर्व बाद में भी चुनाव हो सकते हैं।
ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत पहला नियमित लोकतांत्रिक निकाय है। इस कैबिनेट के अध्यक्ष को ग्राम प्रधान कहा जाता है। सरपंच के साथ-साथ पंचायतों के अन्य सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। महिलाओं के लिए और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण भी किया जाता है।
प्रत्येक पंचायत के लिए ग्राम सभा होती है और सरपंच /ग्राम प्रधान को छह महीने में कम से कम एक बार ग्राम सभा की बैठकें करनी होती हैं। साथ ही, ग्राम प्रधान को महीने में एक बार पंचायत के सदस्यों की बैठक आयोजित करना आवश्यक है।
ग्राम पंचायत की वेबसाइट : https://panchayat.gov.in/
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q: ग्राम पंचायत का मुखिया किसे कहा जाता है?
Ans: सरपंच या प्रधान को
Q: प्रधान का चुनाव कौन करता है?
Ans: प्रधान का चुनाव ग्रामीणों द्वारा मतदान के माध्यम से किया जाता है। गाँव के सभी सदस्य जिनकी आयु 18 वर्ष है और मतदाता सूची में उनके नाम जोड़े गए हैं।
Q: ग्राम प्रधान का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
Ans: 5 साल का होता है